UP Outsource Employees: संविदा कर्मियों को मिलेगा सरकारी वेतन और 10 साल बाद पेंशन का बड़ा तोहफा

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UP Outsource Employees: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कार्यरत लाखों संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है। नई व्यवस्था के तहत अब इन कर्मचारियों को भी पारदर्शी और तयशुदा वेतन मिलेगा। इतना ही नहीं, लगातार 10 साल तक सेवा देने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ भी मिलेगा। इस फैसले से प्रदेश के करीब 5 लाख से अधिक कर्मचारियों को सीधा फायदा होगा।

वेतन का नया चार्ट हुआ लागू

अब तक संविदा कर्मचारियों को अलग-अलग जिलों और विभागों में असमान वेतन मिल रहा था। नई सैलरी व्यवस्था से यह समस्या खत्म हो जाएगी। सरकार ने योग्यता और कार्य की प्रकृति के आधार पर वेतन को चार श्रेणियों में बांटा है।

प्रथम श्रेणी: के कर्मचारियों को ₹40,000 से ₹45,000 तक वेतन मिलेगा।

द्वितीय श्रेणी: के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन ₹25,000 तय किया गया है।

तृतीय श्रेणी: के लिए यह राशि ₹22,000 होगी।

चतुर्थ श्रेणी: के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम ₹20,000 वेतन निर्धारित किया गया है।

इस व्यवस्था से अब सफाईकर्मी, चपरासी और अन्य सहायक कर्मचारियों को भी स्थायी न्यूनतम वेतन का लाभ मिलेगा।

समय पर मिलेगा वेतन, खत्म होगी देरी

सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि संविदा कर्मचारियों का वेतन हर महीने की 1 से 4 तारीख के बीच सीधे बैंक खाते में भेज दिया जाएगा। पहले जहां कर्मचारियों को कई हफ्तों तक इंतजार करना पड़ता था, वहीं अब समय पर भुगतान मिलने से उनका आर्थिक दबाव काफी हद तक कम होगा।

पेंशन योजना से सुरक्षित होगा भविष्य

वेतन के साथ ही सरकार ने संविदा कर्मचारियों के भविष्य को लेकर भी बड़ा कदम उठाया है। नई व्यवस्था के अनुसार, जो कर्मचारी लगातार 10 साल तक सेवा देंगे उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन का लाभ मिलेगा। यह राशि ₹1,000 से लेकर अधिकतम ₹7,500 तक हो सकती है, जो सेवा अवधि और पद के अनुसार तय की जाएगी। इससे अब आउटसोर्स कर्मचारियों का भविष्य भी सुरक्षित होगा, जो पहले केवल स्थायी कर्मचारियों तक सीमित था।

संविदा कर्मचारियों के लिए सम्मान का संदेश

यूपी सरकार की यह पहल केवल वेतन चार्ट तक सीमित नहीं है बल्कि संविदा कर्मचारियों को सम्मान और सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इस फैसले से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और समाज में उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि संविदा कर्मचारी भी प्रदेश की प्रशासनिक और तकनीकी व्यवस्था में उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने स्थायी सरकारी कर्मचारी।

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