OPS Scheme: भारत में पेंशन व्यवस्था को लेकर लंबे समय से बहस जारी है। वर्ष 2004 में केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को खत्म कर नई पेंशन योजना (NPS) लागू की थी। इस बदलाव से सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद की वित्तीय सुरक्षा पर सीधा असर पड़ा। OPS के तहत कर्मचारियों को जीवनभर अंतिम वेतन का एक तय प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था, जबकि NPS पूरी तरह बाजार निवेश पर आधारित है, जिसमें उतार-चढ़ाव का खतरा बना रहता है।
OPS और NPS में बड़ा अंतर
पुरानी पेंशन योजना की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि इसमें कर्मचारियों को स्थायी और सुनिश्चित पेंशन मिलती थी। इसके विपरीत, नई पेंशन योजना में पेंशन की राशि पूरी तरह बाजार की परिस्थितियों पर निर्भर होती है। OPS का पूरा वित्तीय भार सरकार उठाती थी, जबकि NPS में सरकार और कर्मचारी दोनों को योगदान देना पड़ता है। यही कारण है कि OPS को कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा की गारंटी माना जाता था।
कर्मचारी संगठनों की लगातार मांग
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने OPS की बहाली को लेकर लंबे समय से आंदोलन किया है। उनका कहना है कि NPS कर्मचारियों को असुरक्षित भविष्य की ओर धकेलता है, जबकि OPS उन्हें जीवनभर निश्चित पेंशन की गारंटी देता था। संगठनों की यह भी मांग है कि कर्मचारियों को OPS और NPS के बीच विकल्प चुनने का अधिकार दिया जाए।
राज्यों ने उठाए कदम
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे राज्यों ने OPS को आंशिक रूप से बहाल करने की घोषणा की है। हालांकि, इसे लागू करने में राज्यों को कानूनी बाधाओं और वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है। कई राज्य अभी केंद्र सरकार की ओर से स्पष्ट दिशा-निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।
केंद्र सरकार की समिति और योगी सरकार का रुख
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्मचारी संगठनों से मुलाकात की। इस बैठक में जानकारी दी गई कि केंद्र सरकार ने OPS पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई थी और रिपोर्ट कर्मचारियों के पक्ष में आई है। इससे सरकारी कर्मचारियों में उम्मीद जगी है कि पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की दिशा में जल्द कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
एरियर भुगतान की उम्मीद
OPS बहाली की चर्चाओं के बीच कर्मचारियों में यह भी उम्मीद बढ़ गई है कि उन्हें पिछले 18 महीनों का एरियर भुगतान मिल सकता है। हालांकि इस पर अभी कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यदि OPS लागू होती है तो उन्हें न केवल स्थायी पेंशन मिलेगी बल्कि लंबित एरियर का भी लाभ मिलेगा।